Tourist place in dumka
Tourist place in dumka मयूराक्षी नदी के किनारे बसा दुमका, झारखंड़ राज्य का एक खुबसूरत शहर है, इसे झारखण्ड का दिल भी कहा जाता है। दुमका झारखण्ड राज्य का उप-राजधानी है, यह संथाल परगाना क्षेत्र का मुख्यालय भी है। यह पश्चिम बंगाल की सीमा पर स्थित है। यह शहर एक महत्वपूर्ण शिक्षा केंद्र है। यहां कई कॉलेज और यूनिवर्सिटी हैं। एक पर्यटन स्थल भी है। यहां कई मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे हैं।
झारखण्ड का दिल दुमका
Tourist place in dumka
मयूराक्षी नदी के किनारे बसा दुमका, झारखंड़ राज्य का एक खुबसूरत शहर है, इसे झारखण्ड का दिल भी कहा जाता है। दुमका झारखण्ड राज्य का उप-राजधानी है, यह संथाल परगाना क्षेत्र का मुख्यालय भी है। यह पश्चिम बंगाल की सीमा पर स्थित है। यह शहर एक महत्वपूर्ण शिक्षा केंद्र है। यहां कई कॉलेज और यूनिवर्सिटी हैं। एक पर्यटन स्थल भी है। यहां कई मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे हैं।
दुमका का इतिहास काफी पुराना है। इस शहर को पहले ‘दामिन-ए-कोह’ के नाम से जाना जाता था। दामिन-ए-कोह’ अर्थात पहाड़ का आंचल। यह शहर पहाड़ और जंगल से घिरा हुआ है।
दुमका में कई दर्शनीय स्थल हैं। इनमें से कुछ प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं:
Tourist place in dumka
1. बाबा बासुकीनाथ मंदिर ( Baba Basukinath Dham )
बाबा बासुकीनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक हिंदू मंदिर है। यह मंदिर दुमका से लगभग 40 किमी दूर स्थित है। यह झारखंड राज्य के दुमका जिले के बाबा बासुकीनाथ धाम में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। बाबा बासुकीनाथ मंदिर एक विशाल मंदिर है। गर्भगृह मंदिर में भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग स्थापित है। मंदिर के परिसर में कई अन्य मंदिर भी हैं।
त्यौहार:
बाबा बासुकीनाथ मंदिर में कई त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख त्यौहार हैं:
महाशिवरात्रि:- यह त्यौहार भगवान शिव को समर्पित है। यह त्यौहार फरवरी-मार्च में मनाया जाता है।
सावन:- यह महीना भगवान शिव को समर्पित है। इस महीने में लाखों भक्त मंदिरों में दर्शन करने आते हैं।
दीपावली:- यह त्यौहार भगवान राम की रावण पर विजय का प्रतीक है। यह त्यौहार अक्टूबर-नवंबर में मनाया जाता है।
बाबा बासुकीनाथ मंदिर एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर अपने धार्मिक और पौराणिक महत्व के लिए जाना जाता है। अगर आप झारखंड की यात्रा कर रहे हैं तो बाबा बासुकीनाथ मंदिर जरूर जाएं।
2. मसानजोर बांध: ( massanjore Dam )
मसानजोर बांध एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। बांध का शांत वातावरण और मनमोहक दृश्य के लिए यह एक आकर्षक स्थान बना हुआ है। बाँध के पास एक ऐसा पार्क है जहाँ आप आराम कर सकते हैं और नाव की सवारी का आनंद ले सकते हैं।
मसानजोर बांध झारखंड के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति है। यह बांध राज्य के लिए सींच और जलविद्युत का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। बाँध पर्यटन का एक लोकप्रिय स्रोत भी है और यह राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान देता है।
यहां मसानजोर बांध के बारे में कुछ रोचक तथ्य दिए गए हैं:
यह बांध मयूराक्षी नदी पर बनी है, जो झारखंड की लंबी नदीयो में से एक है।
बाँध का निर्माण 1951 में शुरू हुआ और 1955 में पूरा हुआ।
बाँध 47.25 मीटर (155 फीट) ऊंचा और 661.58 मीटर (2170.5 फीट) लम्बा है।
बांध का उपयोग सींच, जलविद्युत उत्पाद और मनोरंजन के लिए किया जाता है।
3. तातलोई गरम कुंड:
तातलोई गर्म पानी का कुंड, भारत के झारखंड राज्य के दुमका जिलों में एक प्राकृतिक झरना स्थित है। यह अपने गर्म पानी के लिए जाना जाता है।
तातलोई गर्म पानी का कुंड एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। लोग दूर-दूर से इस झरने के गर्म पानी में स्नान करने और इसके औषधीय गुणों का लाभ उठाते हैं। कहा जाता है कि इस झरने के पानी में स्नान करने से त्वचा रोग, गठिया और अन्य समस्याओं से राहत मिलती है।
झरना जंगल से घिरा हुआ है, जो इसे एक शांत और सुंदर स्थान बनाता है। झरने के पास एक मंदिर भी है।
4. मयूराक्षी नदी:
मयूराक्षी नदी झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्य में स्थित एक नदी है। यह भारत की प्रमुख नदियों में से एक है। यह नदी त्रिकुट पहाड़ी से निकलती है और हुगली नदी में मिलती है। मयूराक्षी नदी 250 किमी लंबी है। यह नदी अपनी प्राकृतिक प्रकृति के लिए भी जानी जाती है।
मयूराक्षी नदी का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। यह नदी पवित्र मानी जाती है। मयूराक्षी नदी के किनारे कई मंदिर हैं।
मयूराक्षी नदी का आर्थिक महत्व भी है। यह कृषि और जलविद्युत के उपयोग के लिए उपलब्ध है। मयूराक्षी नदी के किनारे कई शहर और गांव बसे हैं।
मयूराक्षी नदी एक खूबसूरत नदी है। यह नदी अपनी प्राकृतिक और धार्मिक महत्व के लिए जानी जाती है। अगर आप झारखंड या पश्चिम बंगाल की यात्रा कर रहे हैं तो मयूराक्षी नदी जरूर देखें।
5. मलूटी के मंदिर ( Maluti Mandir )
मलूटी, दुमका जिला में एक गांव है। यह गांव शिकारीपाड़ा प्रखंड के अंतर्गत आता है। मलूटी की 108 मूर्तियां आज भी मशहूर हैं, जो “मंदिरों का गांव” के रूप में प्रसिद्ध हैं। यह गाव दुमका शहर से लगभग 56 km दूर हैं।
मलूटी के चित्र का निर्माण 17वीं और 19वीं शताब्दी के बीच हुआ था। यहाँ पर पहले 108 मंदिर था लेकिन आज के समय में लगभग 72 मंदिर आज भी मौजूद हैं।
मलूटी के मंदिर की वास्तुकला टेराकोटा शैली में है। इन मंदिरों की दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं और जीवन के दर्शनों की मूर्तियां अंकित हैं।
मलूटी के मंदिर भगवान के भक्तो के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल हैं। हर साल हजारों भक्त और दर्शक इन मंदिरों में दर्शन करने आते हैं।
मलूटी के मंदिर झारखंड राज्य की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
मलूटी एक सुंदर और शांत गांव है जो प्राकृतिक और दृश्य प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान है।
6. सिधु कान्हू पार्क
सिधु कान्हू पार्क एक सार्वजनिक पार्क है जो दुमका शहर में स्थित है। इस पार्क का नाम संथाल विद्रोह के नेता सिद्धू और कान्हू के नाम पर रखा गया था।
पार्क में एक कृत्रिम झील, एक बच्चों के खेल का मैदान, एक वॉकिंग ट्रेल, इत्यादि है। पार्क में कई मूर्तियां भी हैं, जिनमें सिद्धू और कान्हू की मूर्तियां भी शामिल हैं।
सिधु कान्हू पार्क स्थानीय लोगों के लिए एक लोकप्रिय स्थान है। आराम करने और प्रकृति का आनंद लेने के लिए साथ ही साथ पार्क का उपयोग अक्सर सांस्कृतिक कार्यक्रमों और त्योहारों के लिए भी किया जाता है।
सिधु कान्हू पार्क, शहर में एक लोकप्रिय और महत्वपूर्ण स्थल है। यह पार्क स्थानीय लोगों के लिए एक स्थान प्रदान करता है जहां वे आराम कर सकते हैं, प्रकृति का आनंद ले सकते हैं।
7. बास्किचक ( Baski Chok )
बास्किचक एक पहाड़ी है जिसके शीर्ष पर एक प्राकृतिक झरना है। झरने का पानी एक कुंड में गिरता है, जो तैराकी और स्नानघर के लिए एक लोकप्रिय स्थान है।
बास्किचक अपनी प्राकृतिक प्रकृति के लिए जाना जाता है। बास्किचक घने जंगलों से घिरा हुआ है और आसपास के क्षेत्र में कई पहाड़ और नदियाँ हैं।
बास्किचक एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। लोग दूर-दूर से इस जगह की प्राकृतिक प्रकृति का आनंद लेने और शांत वातावरण में आराम करने आते हैं।
बस्किचक प्रकृति प्रेमियों और दृश्य के लिए एक आदर्श स्थान है। यहां आने वाले लोग और प्राकृतिक प्रकृति का आनंद ले सकते हैं, झरने में तैर सकते हैं शांत वातावरण में आराम कर सकते हैं।
दुमका एक खूबसूरत शहर है। यहां अनेक दर्शनीय स्थल और त्यौहार हैं। अगर आप झारखंड की यात्रा कर रहे हैं, तो दुमका शहर में जरूर जाएं।