Krishna Janmabhoomi Mathura , जाने क्या है यहाँ पे खास।
Krishna Janmabhoomi Mathura भगवान श्री कृष्णा का जन्म भूमि मथुरा है, मथुरा एक प्राचीन नगर है और इसका इतिहास बहुत ही गहरा है। यहां पर कई प्रमुख इतिहासिक और धार्मिक घटनाएं हुई हैं, जिनमें से एक है भगवान श्री कृष्ण का जन्म। भगवान श्री कृष्ण का जन्म 18 जुलाई 3228 ईसा पूर्व को मथुरा के एक गोपनीय ग्राम वंश में हुआ था। वे द्वारका के राजा विश्वनीव और राजमाता रुक्मिणी के पुत्र थे। उनके जन्म के समय उनके पिता विश्वनीव ने उन्हें कंस के अत्याचारों से बचाने के लिए अपनी सहयोगी बहन देवकी के यहां भेज दिया था। उनका जन्म भूमि मथुरा के एक किले में हुआ था। इस किले को तोड़कर भगवान कृष्ण के जन्म स्थल के रूप में एक मंदिर बना दिया गया है, जो भारत में प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है।।
कृष्णा जन्म भूमि मथुरा
Krishna Janmabhoomi Mathura
भगवान श्री कृष्णा का जन्म भूमि मथुरा ( Mathura ) है, मथुरा एक प्राचीन नगर है और इसका इतिहास बहुत ही गहरा है। यहां पर कई प्रमुख इतिहासिक और धार्मिक घटनाएं हुई हैं, जिनमें से एक है भगवान श्री कृष्ण का जन्म। भगवान श्री कृष्ण का जन्म 18 जुलाई 3228 ईसा पूर्व को मथुरा के एक गोपनीय ग्राम वंश में हुआ था। वे द्वारका के राजा विश्वनीव और राजमाता रुक्मिणी के पुत्र थे। उनके जन्म के समय उनके पिता विश्वनीव ने उन्हें कंस के अत्याचारों से बचाने के लिए अपनी सहयोगी बहन देवकी के यहां भेज दिया था। उनका जन्म भूमि मथुरा के एक किले में हुआ था। इस किले को तोड़कर भगवान कृष्ण के जन्म स्थल के रूप में एक मंदिर बना दिया गया है, जो भारत में प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है।
मथुरा में घूमने लायग स्थान
Krishna Janmabhoomi Mathura
मथुरा ( Mathura ) भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक शहर है, जो पौराणिक और धार्मिक महत्व का एक प्रमुख केंद्र है। यहां भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, और यहां पर उनके बचपन के खेल खिलौने और रासलीला का स्थल है। मथुरा ( Mathura ) में घूमने के कुछ प्रमुख स्थल हैं:
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर: यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के स्थल पर स्थित है।
बांके बिहारी मंदिर: यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के दोस्त और गोपीयों के संगीती खेल के लिए प्रसिद्ध है।
गोविन्द देव जी मंदिर: यह मंदिर श्रीकृष्ण के विश्वविख्यात रासलीला के लिए प्रसिद्ध है।
वृंदावन: वृंदावन एक प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थल है जो भारत में उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा जिले में स्थित है। यह धर्मस्थल भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि के रूप में महत्वपूर्ण है। वृंदावन को भगवान श्रीकृष्ण के बचपन की यादों का नगर कहा जाता है और यहाँ कई प्रसिद्ध मंदिर और तीर्थस्थल स्थित हैं। वृंदावन में होली का उत्सव भी विख्यात है जिसे विशेष रूप से भगवान कृष्ण के साथ राधा रानी के साथ मनाया जाता है।
द्वारिकाधीश मंदिर: यह मंदिर भगवान कृष्ण के बचपन के एक प्रमुख लीलास्थल के रूप में प्रसिद्ध है। यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के द्वारिका नगर में स्थित है, जो कृष्ण के बचपन का एक अहम हिस्सा था। यहां पर आप भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न अवतारों की प्रतिमाएँ देख सकते हैं और उनकी लीलाएं सुन सकते हैं।
इस मन्दिर के अलावा, यहां आप गोकुल के बचपन के खेलों के अन्य स्थलों को भी देख सकते हैं। इस मंदिर में जन्माष्टमी के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना आयोजित की जाती है।
शृंगारी श्यामल दास ठाकुर ने 1814 में इस मंदिर की निर्माण करवाया था। इस मंदिर का मुख्य द्वार चारों ओर से अनेक गोपुरों और आलिंगन में ढका हुआ है। इसके अलावा, मंदिर के अंदर कई प्राचीन विग्रह और प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं, जो यहां के धार्मिक महत्व को और अधिक बढ़ाता हैं।
प्रेम मंदिर: मथुरा में प्रेम मन्दिर एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है जो कृष्ण भगवान को समर्पित है। यहां प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर के साथ ही एक और मंदिर है जो प्रेम मंदिर के नाम से जाना जाता है।
प्रेम मन्दिर का नाम इसलिए प्रसिद्ध है क्योंकि यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण के प्रेम के भाव को समर्पित है। यहां भगवान कृष्ण और राधा रानी के प्रेम की कहानी के चित्र और मूर्तियां हैं। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां की दीवारों पर भगवान कृष्ण और राधा रानी के विविध चित्र बने हैं और इन चित्रों को देखकर विश्वासी लोग अपने अपने दिल की भावनाओं को व्यक्त करते हैं।
यहां पर और भी कई मंदिर और धार्मिक स्थल हैं, जो भगवान श्रीकृष्ण के जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं।
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कृष्ण जन्म भूमि मथुरा की प्रसिद्व लोककथाये
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कृष्ण जन्म भूमि मथुरा की कई प्रसिद्ध लोककथाएं हैं जिनमें भगवान कृष्ण के जन्म, बचपन, और युद्धों के कई किस्से शामिल हैं। यहां कुछ प्रमुख लोककथाएं हैं:
कृष्ण का जन्म: भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में नंद की यशोदा के घर में हुआ था। इस लोककथा में बताया जाता है कि कृष्ण के जन्म के समय भयंकर बादल छाए थे और भगवान विष्णु ने अपने चतुर्भुज दिखाए थे।
कंस वध: कृष्ण के जन्म के बाद, कंस ने उन्हें मारने के लिए कई योजनाएं बनाई, लेकिन कृष्ण ने उन सभी को नाकाम कर दिया। अंत में, कृष्ण ने कंस को अपने हाथों से मार दिया।
गोवर्धन पर्वत उत्सव: इस लोककथा में बताया जाता है कि एक बार वृंदावन में काफी जोर से भयानक वर्षा हो रही थी और लोगों को इससे बचने के लिए कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठा लिया था।
गोपियों के साथ नृत्य: इस लोककथा में बताया जाता है कि कृष्ण ने अपनी गोपियों के साथ वृंदावन में नृत्य किया करते थे
रासलीला: इस लोककथा में बताया जाता है कि कृष्ण ने गोपियों के साथ रासलीला की और उनके साथ भगवान शिव की मूर्ति को भी बनाया।
ये कुछ लोककथाएं हैं, जो मथुरा की जन्म भूमि से जुड़ी हैं। इन्हें लोग अपने बच्चों को सुनाते हैं और इनका महत्व बताते हैं। इन्हें भारतीय धार्मिक ग्रंथों में भी विस्तार से वर्णित किया गया है।
कृष्णा जन्म भूमि मथुरा का इतिहास
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मथुरा एक प्राचीन शहर है जो भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मध्यम भाग में स्थित है। इसका इतिहास अत्यंत प्राचीन है और इसे भगवान श्री कृष्ण के जन्म स्थल के रूप में प्रसिद्धता प्राप्त है। इसका इतिहास निम्नलिखित है
वैदिक काल: मथुरा ( Mathura ) का प्रारंभिक इतिहास वैदिक काल में शुरू होता है। इसका उल्लेख वेदों में मिलता है, और यह भगवान श्री कृष्ण के जन्म स्थल के रूप में प्रसिद्ध है।
गुप्त काल: मथुरा ( Mathura ) गुप्त साम्राज्य के दौरान एक महत्वपूर्ण नगर बन गया था। इस समय में यह एक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बन गया था।
मुघल साम्राज्य: मुघल सम्राट अकबर के समय में, यह एक महत्वपूर्ण शहर बन गया था। अकबर के द्वारा इसे एक महत्वपूर्ण शहर बनाया गया था और इसे उत्तर प्रदेश के प्रमुख नगर बनाया गया था। इस समय में यह एक अधिकांशत: मुस्लिम आबादी वाला शहर बन गया था।
ब्रिटिश शासन: मथुरा का इतिहास ब्रिटिश शासन के दौरान भी बहुत महत्वपूर्ण रहा है। इस समय में ब्रिटिशों ने मथुरा को उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण शहरों में शामिल किया और इसे एक अधिकांशत: हिंदू आबादी वाला शहर बना दिया।
स्वतंत्रता: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, मथुरा ने भी अपना योगदान दिया। यहां पर भी विभाजन के दौरान तनाव और दंगे हुए।
आज: आज मथुरा ( Mathura ) उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण शहर है और यह भारतीय सांस्कृतिक स्थलों के रूप में भी प्रसिद्ध है। यह एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल है।
इस प्रकार, मथुरा ( Mathura ) का इतिहास बहुत ही विशाल और उत्तम है और यह भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कृष्ण जन्म भूमि मथुरा का संस्कृति
Krishna Janmabhoomi Mathura
कृष्ण जन्म भूमि मथुरा ( Mathura ) का संस्कृति बहुत ही विविध और समृद्ध है। यहां अनेक धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थल हैं जो भारतीय इतिहास, धर्म और संस्कृति की धारा को दर्शाते हैं। इसके अलावा, यहां कई प्रमुख मंदिर, धार्मिक संस्थान, और सांस्कृतिक संस्थान हैं जो भारतीय संस्कृति के आधार और गहन इतिहास को दर्शाते हैं।
मथुरा ( Mathura ) का संस्कृति अपने बचपन के दिनों से ही अत्यंत धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से धनी है। यहां पर लोग अपने धार्मिक और सांस्कृतिक अनुष्ठान को बहुत ही महत्व देते हैं और इसे प्रतिदिन अपने जीवन में अपनाते हैं। इसके अलावा, यहां पर अनेक धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव भी मनाए जाते हैं, जिनमें बहुत से लोग भाग लेते हैं।
मथुरा ( Mathura ) का संस्कृति भारतीय संस्कृति का एक अमूल्य अंग है और यहां के स्थल और धार्मिक अनुष्ठान इसकी धारा को बहुत ही समृद्ध बनाते हैं। इसके अलावा, यहां के स्थलों पर आने वाले भक्तों की भारी भीड़ भगवान कृष्ण की भक्ति और श्रद्धा को दर्शाती है।
Maa Vaishno Devi Temple , सम्पूर्ण जानकारी
नोट ; यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है, किसी के भावनावो को ठेस पहुचाने के लिए नही है |