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kailash temple ellora

kailash temple ellora कैलाश मंदिर, एलोरा ( महाराष्ट्र ) में स्थित है, और यह भारतीय स्थापत्यकला का एक अद्वितीय उदाहरण है। इस मंदिर का निर्माण राजा कृष्ण I (कृष्ण रचंद्र) द्वारा 8वीं या 9वीं शताब्दी में किया गया था। कैलाश मंदिर का निर्माण एक विशेष और अद्वितीय तकनीक का उपयोग करके किया गया था। यह मंदिर पूरी तरह से एक एकल चट्टान को काटकर बनाया गया है। इसका निर्माण कार्य कुशल शिल्पकला और वास्तुकला के साथ किया गया है, जिसमें कार्विंग और संगीत भी शामिल हैं।

कैलाश मंदिर, एलोरा

kailash temple ellora

कैलाश मंदिर, एलोरा ( महाराष्ट्र ) में स्थित है, और यह भारतीय स्थापत्यकला का एक अद्वितीय उदाहरण है। इस मंदिर का निर्माण राजा कृष्ण I (कृष्ण रचंद्र) द्वारा 8वीं या 9वीं शताब्दी में किया गया था।

kailash temple ellora
kailash temple ellora

कैलाश मंदिर ( kailash temple ellora ) का निर्माण एक विशेष और अद्वितीय तकनीक का उपयोग करके किया गया था। यह मंदिर पूरी तरह से एक एकल चट्टान को काटकर बनाया गया है। इसका निर्माण कार्य कुशल शिल्पकला और वास्तुकला के साथ किया गया है, जिसमें कार्विंग और संगीत भी शामिल हैं।

मंदिर के बाहरी और आंतरिक दीवारों पर विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियाँ, यात्राओं, और शैलियों के कार्विंग हैं। यह मंदिर ज्ञान, कला, और धार्मिक उत्सव के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल था।

कैलाश मंदिर ( kailash temple ellora ) की संरचना में बहुत सारी अंगूठी और देवी-देवताओं की छवियों को उल्लेखनीय रूप से बनाया गया है। इसे भारतीय स्थापत्यकला के अत्यंत महत्वपूर्ण उदाहरणों में से एक माना जाता है और यह एक UNESCO विश्व धरोहर स्थल भी है।

कैलाश मंदिर की विसेसताये

kailash temple ellora

कैलाश मंदिर की विशेषताएँ उसकी अद्वितीय संरचना, कला, और धार्मिक महत्व के कारण महत्वपूर्ण हैं। यहाँ कुछ मुख्य विशेषताएँ हैं:

एकल चट्टान पर निर्माण: कैलाश मंदिर पूरी तरह से एक ही चट्टान पर बनाया गया है, जो कि एक अद्वितीय और अविश्वसनीय रचना है। इसे अद्वितीय रूप से बनाया गया है और इसका निर्माण कार्विंग और वास्तुकला के महान कौशल से किया गया है।

कला की भव्यता: मंदिर की दीवारों पर कार्विंग और स्कल्प्चर में अत्यंत सुंदर कला का प्रदर्शन किया गया है। यहाँ देवी-देवताओं, यात्रियों, और प्राचीन कथाओं की मूर्तियाँ बनाई गई हैं, जो कला की एक महत्वपूर्ण धारा को प्रतिनिधित करती हैं।

धार्मिक महत्व: कैलाश मंदिर हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है। इसमें भगवान शिव के मंदिर के रूप में जाने जाने वाले कई मंदिर और मूर्तियाँ हैं। यह धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।

UNESCO विश्व धरोहर स्थल: कैलाश मंदिर को UNESCO द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई है। इसकी संरचना और कला को संरक्षित रखने के लिए यहाँ पर विभिन्न पहल की जा रही है।

तत्वशिविर के प्रदर्शन: मंदिर के अंदर और बाहर विभिन्न हिंदू तत्वों का प्रदर्शन है, जो यहाँ के आगमन के समय की कथाओं और वेदिक साहित्य की गहरी परंपरा को प्रतिनिधित करते हैं।

कैलाश मंदिर ( kailash temple ellora ) भारतीय स्थापत्यकला, कला, और धर्म के प्रति अपने अनूठे महत्व के लिए प्रसिद्ध है।

कैलाश मंदिर का आर्किटेकचर / kailasa temple ellora architecture

kailash temple ellora

कैलाश मंदिर एलोरा ( kailash temple ellora ) की गुफा संख्या 16 में स्थित है | इस मंदिर  का आर्किटेक्चर अत्यधिक समृद्ध और विस्तृत है। यह मंदिर पूरी तरह से एक विशाल चट्टान पर बना है, जिसे काटकर मंदिर का निर्माण किया गया है। इस मंदिर का आकार और आर्किटेक्चर व्यापक है और इसे बनाने में अनुमानत: 7000 लोगों का योगदान था और इस मंदिर को बनाने में लगभग 150 वर्ष लगे थे

कैलाश मंदिर ( kailash temple ellora ) की प्रमुखताएँ इस प्रकार हैं:

अद्वितीय रचना: कैलाश मंदिर ( kailash temple ellora ) का सबसे अद्वितीय विशेषता यह है कि यह पूरी तरह से एक चट्टान पर बना है।

मंदिर का आकार: मंदिर की लंबाई 276 फिट और इसकी चोड़ाई 154 फिट है। अगर ऊचाई की बात करे तो यह मंदिर लगभग किसी दो या तीन मंजिल इमारत की उचाई के बराबर है।

कलाकृतियाँ: मंदिर पर अनेक कलाकृतियाँ, मूर्तियाँ, और रूपक बनाए गए हैं, जिनमें भगवान शिव, पार्वती, नंदी, गणेश, और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियाँ शामिल हैं।

गुफाएँ और गुफा लिपियाँ: मंदिर के आस-पास कई गुफाएँ और गुफा लिपियाँ हैं, जो भगवान शिव के विविध अवतारों को दर्शाती हैं।

कला और वास्तुकला: कैलाश मंदिर ( kailash temple ellora ) की कला और वास्तुकला उत्कृष्ट है। यहाँ पर समझौता नहीं किया गया है और मंदिर की सजावट में समृद्धता का उल्लेख किया जा सकता है।

भव्यता: मंदिर की भव्यता और उच्चता दर्शाती है कि इसका निर्माण किसी भी समय के लिए मुख्य धार्मिक और सामाजिक उद्देश्यों के साथ किया गया था।

कैलाश मंदिर ( kailash temple ellora ) एक अद्वितीय और प्रेरणादायक आर्किटेक्चरल खजाना है जो दर्शकों को अपनी अद्वितीयता और साहसिकता के लिए प्रेरित करता है।

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एलोरा केलास मंदिर ( kailash temple ellora ) के समीप घुमने लायाग स्थान

kailash temple ellora

एलोरा में कैलाश मंदिर के समीप घूमने के लिए कई दर्शनीय स्थल हैं। यहां कुछ मुख्य स्थल हैं जो आप देख सकते हैं:

अजंता गुफाएँ:

एलोरा से कुछ किलोमीटर दूरी पर, अजंता गुफाएँ स्थित हैं।

अजंता गुफाएँ महाराष्ट्र, भारत में स्थित हैं और ये एक प्रसिद्ध प्राचीन बौद्ध धर्मिक स्थल हैं। इन गुफाओं का निर्माण 2वीं एवं 6वीं शताब्दी के बीच किया गया था। यह गुफाएँ एक पहाड़ी के अंदर खोदी गई हैं और इनमें 30 से अधिक गुफाएँ हैं, जिनमें अधिकांश बौद्ध विहार और चैत्यालय हैं।

अलारा चट्टान पहाड़ी:

एलोरा के पास स्थित यह चट्टान पहाड़ी एक प्राकृतिक दर्शनीय स्थल है जहाँ से आप कैलाश मंदिर के अद्वितीय रचना को देख सकते हैं।

एलोरा गुफाएँ:

एलोरा में एक समृद्ध गुफा परंपरा है जिसमें भगवान शिव के मंदिर, बौद्ध गुफाएँ और अन्य स्थान हैं। यहाँ से आप कैलाश मंदिर के निकट भी पहुंच सकते हैं।

दौलताबाद किला:

दौलताबाद किला भारत के महाराष्ट्र राज्य में, एलोरा नामक गाँव के पास स्थित है। यह किला चालुक्य राजवंश के समय में 12वीं सदी में निर्मित किया गया था। यह किला बहुत ही भव्य है और इसे पहाड़ी के शिखर पर बनाया गया है, जिससे यह चारों ओर से आकाश में उठता है।

Daulatabad fort
Daulatabad fort

दौलताबाद किले की मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं:

आर्किटेक्चर:  इस किले का आर्किटेक्चर अत्यंत विशाल और मजेस्तिक है। यह चालुक्य राजवंश की साहसी और सैन्य वास्तुकला का प्रमुख उदाहरण है।

भव्यता:  दौलताबाद किला की भव्यता और उच्चता इसे देखने वालों को प्रभावित करती है। इसका निर्माण सफेद संगमरमर और पत्थर के उपयोग से किया गया है।

राजसी रहनमहल:  किले के अंदर एक राजसी रहनमहल है जो राजा और रानी के आवास के रूप में उपयोग किया जाता था। इसमें सुंदर चित्रकला और सजावटी आवास संरचना है।

प्राचीन सिराहाने:  इस किले में प्राचीन सिराहाने (अंगराक्षकों के निवास स्थल) भी हैं, जो किले की सुरक्षा के लिए बनाए गए थे।

पर्यटन स्थल:  दौलताबाद किला एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व का प्रतीक है। यहाँ पर आने वाले पर्यटक किले के आकर्षण, विशालता, और भव्यता का आनंद लेते हैं।

दौलताबाद किला एक उत्कृष्ट ऐतिहासिक स्थल है जो भारतीय इतिहास और संस्कृति की गौरवशाली धाराओं को दर्शाता है।

इन स्थलों को आप कैलाश मंदिर के आस-पास घूमकर उनके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व का अनुभव कर सकते हैं।

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